वैष्णव भजन  »  शचीर आंगिनाय नाचे
 
 
શ્રીલ વાસુદેવ ઘોષ       
भाषा: हिन्दी | English | தமிழ் | ಕನ್ನಡ | മലയാളം | తెలుగు | ગુજરાતી | বাংলা | ଓଡ଼ିଆ | ਗੁਰਮੁਖੀ |
 
 
શચીર આંગિનાય નાચે વિશ્વમ્ભર રાય।
હાસિ હાસિ ફિરી ફિરી માયેરે લુકાય॥1॥
 
 
બયને વસન દિયા બલે લુકાઇનુ।
શચી બલે વિશ્વમ્ભર આમિ ના દેખિનુ॥2॥
 
 
માયેર આંચલ ધરી ચંચલ ચરણે।
નાચિયા નાચિયા જાય ખઞ્જન ગમને॥3॥
 
 
વાસુદેવ ઘોષ કહે અપરૂપ શોભા।
શિશુરૂપ દેખિ હય જગમન લોભા॥4॥
 
 
 
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.