न वयं मन्यमानानामात्मानं तत्र साधनम् ।
गिरो व: साधुशोच्यानां गृह्णीमो मर्मताडना: ॥ ९ ॥
अनुवाद
तुम देवता अपने को अपनी प्रसिद्धि और विजय का कारण मानते हो। तुम्हारी इस अज्ञानता के कारण सज्जन पुरुष तुम्हारे लिए दुःखी होते हैं। इसलिए, यद्यपि तुम्हारे शब्द हृदय को स्पर्श करते हैं, परंतु हमें स्वीकार्य नहीं हैं।