श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन  »  अध्याय 10: देवताओं तथा असुरों के बीच युद्ध  »  श्लोक 3
 
 
श्लोक  8.10.3 
 
 
सपत्नानां परामृद्धिं द‍ृष्ट्वा ते दितिनन्दना: ।
अमृष्यमाणा उत्पेतुर्देवान्प्रत्युद्यतायुधा: ॥ ३ ॥
 
अनुवाद
 
  देवताओं की जीत देखकर, राक्षस उनके बढ़ते हुए वैभव को बरदाश्त नहीं कर सके। अतः उन्होंने अपने-अपने हथियार उठाकर देवताओं पर हमला बोल दिया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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