किन्नर बोले: हे परम नियन्ता, हम सदा से आपकी सेवा में संलग्न हैं, परंतु आपकी सेवा में युक्त न होकर इस असुर की बेगारी में हम सब लगाये गये थे। अब आपने इस पापी का संहार किया है, अतएव हे नृसिंहदेव, हे स्वामी, हम आपको सादर नमस्कार करते हैं। कृपया हमारे संरक्षक बने रहें।