वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भागवतम
»
स्कन्ध 4: चतुर्थ आश्रम की उत्पत्ति
»
अध्याय 13: ध्रुव महाराज के वंशजों का वर्णन
»
श्लोक 39
श्लोक
4.13.39
स बाल एव पुरुषो मातामहमनुव्रत: ।
अधर्मांशोद्भवं मृत्युं तेनाभवदधार्मिक: ॥ ३९ ॥
अनुवाद
play_arrowpause
वह बालक भाग्यवश अधर्म के वंश में उत्पन्न हुआ। उसका नाना स्वयं मृत्यु के समान था और वह बालक उसका अनुयायी बनकर अत्यन्त अधार्मिक व्यक्ति बन गया।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.