श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 1: सृष्टि  »  अध्याय 11: भगवान् श्रीकृष्ण का द्वारका में प्रवेश  »  श्लोक 29
 
 
श्लोक  1.11.29 
 
 
ता: पुत्रमङ्कमारोप्य स्‍नेहस्‍नुतपयोधरा: ।
हर्षविह्वलितात्मान: सिषिचुर्नेत्रजैर्जलै: ॥ २९ ॥
 
अनुवाद
 
  माताएँ अपने बेटे को गले लगाने के बाद उसे प्यार से अपने गोद में बिठाती हैं। उनके स्नेह के कारण उनके स्तनों से दूध टपकने लगता है। वे खुशी से रोने लगती हैं और उनके आँसुओं से प्रभु भीग जाते हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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