श्री रामचरितमानस » काण्ड 7: उत्तर काण्ड » चौपाई 98a.3 |
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| | काण्ड 7 - चौपाई 98a.3  | सोइ सयान जो परधन हारी। जो कर दंभ सो बड़ आचारी॥
जो कह झूँठ मसखरी जाना। कलिजुग सोइ गुनवंत बखाना॥3॥ | | अनुवाद | | जो दूसरों का धन (किसी भी प्रकार से) छीन लेता है, वह बुद्धिमान है। जो डींगें हाँकता है, वह अच्छे आचरण वाला है। जो झूठ बोलता है और मज़ाक करना जानता है, वह कलियुग में पुण्यात्मा कहलाता है। | | He who snatches the wealth of others (by whatever means) is a wise man. He who boasts is a man of good conduct. He who tells lies and knows how to joke is called a virtuous person in Kaliyug. |
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