श्री रामचरितमानस » काण्ड 7: उत्तर काण्ड » चौपाई 86.1 |
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| | काण्ड 7 - चौपाई 86.1  | अब सुनु परम बिमल मम बानी। सत्य सुगम निगमादि बखानी॥
निज सिद्धांत सुनावउँ तोही। सुनु मन धरु सब तजि भजु मोही॥1॥ | | अनुवाद | | अब तू वेद आदि के द्वारा वर्णित मेरे सत्य, सरल और शुद्ध वचनों को सुन। मैं तुझे अपना यह 'तत्त्व' बताता हूँ। इसे सुन और मन में धारण कर तथा सब कुछ छोड़कर मेरा भजन कर। | | Now listen to my true, easy and pure words described through Vedas etc. I tell you this 'My principle'. Listen to it and keep it in your mind and leaving everything else, worship me. |
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