श्री रामचरितमानस  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  चौपाई 51.5
 
 
काण्ड 7 - चौपाई 51.5 
कलि मल मथन नाम ममताहन। तुलसिदास प्रभु पाहि प्रनत जन॥5॥
 
अनुवाद
 
 आपका नाम कलियुग के पापों का नाश करने वाला और मोह का नाश करने वाला है। हे तुलसीदास! शरणागतों की रक्षा कीजिए।
 
Your name destroys the sins of Kaliyug and kills attachment. O Lord of Tulsidas! Protect those who seek refuge.
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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