श्री रामचरितमानस » काण्ड 6: युद्ध काण्ड » चौपाई 79.1 |
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| | काण्ड 6 - चौपाई 79.1  | चलेउ निसाचर कटकु अपारा। चतुरंगिनी अनी बहु धारा॥
बिबिधि भाँति बाहन रथ जाना। बिपुल बरन पताक ध्वज नाना॥1॥ | | अनुवाद | | राक्षसों की एक विशाल सेना चल पड़ी। चतुर्भुजी सेना में अनेक दल थे। अनेक प्रकार के वाहन, रथ और सवारियाँ थीं, तथा अनेक रंगों की ध्वजाएँ और पताकाएँ थीं। | | A huge army of demons marched. The four-fold army has many contingents. There are many types of vehicles, chariots and rides and there are many banners and flags of many colours. |
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