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काण्ड 6 - चौपाई 106.4  |
जोरि पानि सबहीं सिर नाए। सहित बिभीषन प्रभु पहिं आए॥
तब रघुबीर बोलि कपि लीन्हे। कहि प्रिय बचन सुखी सब कीन्हे॥4॥ |
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अनुवाद |
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सबने हाथ जोड़कर उन्हें प्रणाम किया। तत्पश्चात विभीषणजी सहित सब लोग प्रभु के पास आए। तब श्री रघुवीर ने वानरों को बुलाकर मधुर वचन कहकर उन्हें प्रसन्न किया। |
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Everyone bowed their heads to him with folded hands. Thereafter everyone including Vibhishanji came to the Lord. Then Shri Raghuveer called the monkeys and made them happy by speaking sweet words. |
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