श्री रामचरितमानस » काण्ड 5: सुन्दर काण्ड » दोहा 28 |
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| | काण्ड 5 - दोहा 28  | जाइ पुकारे ते सब बन उजार जुबराज।
सुनि सुग्रीव हरष कपि करि आए प्रभु काज॥28॥ | | अनुवाद | | सबने जाकर चिल्लाकर कहा कि राजकुमार अंगद वन को नष्ट कर रहे हैं। यह सुनकर सुग्रीव प्रसन्न हुए कि वानरों ने भगवान का कार्य पूरा कर दिया। | | They all went and shouted that Prince Angad was destroying the forest. Hearing this, Sugreeva was delighted that the monkeys had completed the Lord's work. |
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