श्री रामचरितमानस  »  काण्ड 4: किष्किंधा काण्ड  »  दोहा 19
 
 
काण्ड 4 - दोहा 19 
धनुष चढ़ाइ कहा तब जारि करउँ पुर छार।
ब्याकुल नगर देखि तब आयउ बालिकुमार॥19॥
 
अनुवाद
 
 तत्पश्चात लक्ष्मणजी ने धनुष उठाकर कहा कि मैं इस नगर को जलाकर भस्म कर दूँगा। तब सम्पूर्ण नगर को व्याकुल देखकर बालीपुत्र अंगदजी उनके पास आये।
 
Thereafter Lakshmanji raised his bow and said that he will burn the city to ashes. Then seeing the entire city in a state of distress, Bali's son Angadji came to him.
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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