श्री रामचरितमानस  »  काण्ड 2: अयोध्या काण्ड  »  चौपाई 191.4
 
 
काण्ड 2 - चौपाई 191.4 
निज निज साजु समाजु बनाई। गुह राउतहि जोहारे जाई॥
देखि सुभट सब लायक जाने। लै लै नाम सकल सनमाने॥4॥
 
अनुवाद
 
 अपनी-अपनी सेनाएँ तैयार करके वे निषादराज गुह का स्वागत करने गए। सुन्दर योद्धाओं को देखकर निषादराज गुह ने उन्हें योग्य समझा और उनका नाम लेकर सम्मान किया।
 
After preparing their respective armies they went to greet the king of Nishads, Guha. Seeing the handsome warriors, the king of Nishads recognized them all as capable and honoured them by name.
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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