श्री रामचरितमानस  »  काण्ड 2: अयोध्या काण्ड  »  चौपाई 191.1
 
 
काण्ड 2 - चौपाई 191.1 
बेगहु भाइहु सजहु सँजोऊ। सुनि रजाइ कदराइ न कोऊ॥
भलेहिं नाथ सब कहहिं सहरषा। एकहिं एक बढ़ावइ करषा॥1॥
 
अनुवाद
 
 (उसने कहा-) हे भाइयो! जल्दी करो और सब कुछ तैयार कर लो। मेरा आदेश सुनकर किसी को भी डर नहीं लगना चाहिए। सबने हर्षित होकर कहा- हे प्रभु! बहुत अच्छा हुआ और एक-दूसरे को प्रोत्साहित करने लगे।
 
(He said-) O brothers! Hurry up and prepare all the things. No one should feel timid on hearing my order. Everyone said with joy- O Lord! Very good and started encouraging each other.
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.