श्री रामचरितमानस » काण्ड 1: बाल काण्ड » चौपाई 72.1 |
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| | काण्ड 1 - चौपाई 72.1  | अब जौं तुम्हहि सुता पर नेहू। तौ अस जाइ सिखावनु देहू॥
करै सो तपु जेहिं मिलहिं महेसू। आन उपायँ न मिटिहि कलेसू॥1॥ | | अनुवाद | | अब यदि तुम उस कन्या से प्रेम करते हो, तो जाकर उसे ऐसी तपस्या सिखाओ कि वह भगवान शिव से मिल जाए। यह कष्ट किसी और उपाय से दूर नहीं होगा। | | Now if you love the girl, then go and teach her to perform such penance that she can meet Lord Shiva. This pain will not go away by any other means. |
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