श्री रामचरितमानस  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  चौपाई 13.3
 
 
काण्ड 1 - चौपाई 13.3 
सो केवल भगतन हित लागी। परम कृपाल प्रनत अनुरागी॥
जेहि जन पर ममता अति छोहू। जेहिं करुना करि कीन्ह न कोहू॥3॥
 
अनुवाद
 
 वह लीला भक्तों के कल्याण के लिए ही है, क्योंकि भगवान अत्यंत दयालु हैं और अपने शरणागतों के प्रति अत्यंत प्रेम रखते हैं। वे अपने भक्तों पर अगाध स्नेह और दया रखते हैं, और एक बार कृपा कर लेने पर वे कभी किसी पर क्रोधित नहीं होते।
 
That leela is only for the benefit of the devotees, because God is extremely kind and a great lover of those who surrender to Him. He has great affection and mercy for His devotees, and He never gets angry with anyone once He has bestowed His mercy on them.
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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