श्रील प्रभुपाद के हिंदी में प्रवचन  »  751226LE-SANAND--Hindi.MP3
 
 
 
हरि कथा
सानंद, 26-दिसंबर-1975
 
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हमारा साथ हरी कृष्ट्र नाम बोलने में साथी आई है
हरी बोलिये हरी हरी कृष्णा हरी कृष्णा कृष्णा
कृष्णा कृष्णा हरी हरी हरी हरी रामा हरी हरी रामा हरी हरी
हरी कृष्णा हरी कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरी हरी
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण, हरे रामा, हरे रामा, रम रामा, हरे हारे
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण, कृष्ण, हरे रामा, हरे रामा, रम रामा, हरे हारे
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण, कृष्ण, हरे हारे
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण, कृष्ण, हरे हारे
हरे
हरे रामा, हरे रामा, राम, रामा, हरे, हरे, हरे, राम, राम, राम, हरे, राम, हरे, राम, राम, हरे,
कृष्ण, कृष्ण, हारे हारी, हारे कृष्ण, हारे कृष्ण, हारे कृष्ण, हारे रामा, हारे रामा, राम रामा, हारे हारी, हारे रामा, हारे रामा, राम रामा,
हारे कृष्ण, हारे कृष्ण, हारे कृष्ण, कृष्ण, कृष्ण, हारे, हारी, हारे कृष्ण, हारे रामा, हारे रामा,
राम रामा हारे हारे हारे रामा हारे रामा हारे रामा हारे रामा हारे रामा हारे कृष्णा हारे कृष्णा कृष्णा कृष्णा कृष्णा हारे हारे
कृष्णा हारे कृष्णा कृष्णा कृष्णा
राम राम राम राम रामा हरे हारे
कृष्णा
कृष्णा कृष्णा हारे हारे
हारे राम हारे राम राम राम हारे हारे
हारे राम राम राम हारे कृष्णा राम हा कृष्णा कृष्णा
हारे राम हारे राम
राम
राम
राम
आरे आरे
जयवा बाजा जो
वैसा कि पिकेड़ी चैंचलेट
आप लोगों धन्यवाद हैं
क्योंकि
साथ-साथ में हरे कृष्ण महामंत्र का साइब लोग जब किया। यह हरे भगवान और भगवान की सक्ति जैसे राधा कृष्ण,
सीता राम, लक्ष्मी नाराय, भगवान और भगवान की सक्तिया। वेद में है नतस्य कार्जम करणंच भिद्धते नतस्य समः पुदिकश्च दिर्शते पराश्य सक्ति विविदविव सुयते।
विविदविव सुयते शाभाव भिकिज्ञान बलक्रिया। जो भगवान जो है उनको कोई काम करने का जुरूरत नहीं है। जैसा हम लोग देख रहे हैं कोई धनि आदमी होए, कोई बरादमी होए, मिनिस्टर होए, वो अपना हाथ से कुछ काम नहीं करते।
बाकि उनको नोकार चाकर बहुत है। इसी प्रकार भगवान जो है उनको हाथ से कोई काम करने का जुरूरत नहीं है।
नतस्य कार्जम करणंच भिद्धत। और नतस्य समः।
भगवान का समान। जैसे भगवान है ऐसा हम भी है। ये राख्षसी प्रवित्ति है। भगवान का समान कोई है नहीं। और भगवान से मुचा भी कोई है। नतस्य समः अधिकः।
सब भगवान से नीचे है।
तो
इदि
राधा कृष्ण और ए कृष्ण भगवान से प्राथना है। ये हरा भगवान की शक्ति आप और ए कृष्ण भगवान आप दो मिल करके हमको आपकी सेवा में लगाई।
क्योंकि जीव का जो श्वरूप है, वो भगवान के सेवा करने के लिए।
चैतर्न महाप्रभो बताया है, जीवेर श्वरूप है, नित्त कृष्ण दाश। जीव का जो श्वरूप है, वो भगवान का दाश है।
बाकि वो श्वरूप भूल करके ये भवतिक जगत में वो मालिक होने को चाहते हैं। इसलिए ऐसा उनका दूप है।
पराश वो शक्ति विरुधा ही होती है। तो ये भवतिक जगत में जो हम लोग हैं, इसका नाम है बद्ध जीव।
तो ये भूल गया, भगवान का निक्त दाशत्य भूल गया। माया का दाशत्य में उसका समय नष्ट हो रहा है।
तो हरे कृष्ण नाम जपने से वो माया दूर हो जाएगी। चेत दर्पन मार्जन।
I think we shall continue Hare Krishna.
Otherwise they will go away. Therefore I will begin Hare Krishna.
Let them sit down. Chant Hare Krishna. Chant Hare Krishna.
Join them. Take this.
 
 
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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