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और ये जो पर्देश में प्रचार करने के विशय है,
1965 साल में, जब मैं उदर गया था, बॉस्टर्ण में,
तो उदर जहाद में गया था, पहले, उस समय हवाई जहाद में जाने के लिए परिस्थिती नहीं था,
वो, बब्माई में जो स्किन्दिया ने मिजरिशन है, वो हमको एक चिकेट दिया था,
तो किसी तरह से उदर पहुँचा था, और बॉस्टर्ण पोर्ट में बैट-बैट का हम सोच रहा था,
कि इनको भगवत भक्ति किस तरह से शिखाया जाएगा,
पहले तो हम अगर कहेंगे, तो देखो जी, तुमको मांस कहने को नहीं मिलेगा,
और अवैद स्री साँग करने को नहीं मिलेगा, और जुआ खेलने को नहीं मिलेगा,
और निशा भाग, चाव, कॉफी भी नहीं पी सकदे,
कि ये जब सुनेगा उसी बगत हमको बोलेगा महाराज आप घर में जाएगी
कि आपका ये बात सब नहीं चलेगा
पहले पहले हमारा पहले कई एक सामी जी यह था लंडन में
तो लोर्ड जेटनेंट उनको पुछाता कि महाराज आप हमको ब्राह्मन बना सके
तो उनको बताये गया ये चार चीज़ आप अगर छोड़ देते है तो आपका हम ब्राह्मन बना
तुम्हों बलाई ये असंभाव है हमारा देश में ये असंभाव नहीं है
ये जो अवैद्य स्रीशंगा और जुआ खेलना और निशाभां करना और मानस आदी भक्षन करना
ये तो हमको चाहिए है इसलिए मैं सोच रहा था जो किस तरह से इसको समझाया जा
और किस तरह से भश्नव बनाया जा तो भगवान से प्रार्थना किया इतना है
जो आप जब इदर ले आये है जरूर आपको कुछ मतलब है तो आप कृपा कीजिए तो मैं इसको पुचार करें
तो भगवान की कृपा से ऐसी वज़ ये जो बालक लोग है पहले पहले तो हम खीरतन कर रहा था
ये लोग एकट्टे होते थे पहले कुछ नहीं थी कुछ दिन बाद इनका भी तर कोई कोई बोले शुरू किया
माराज हमको आप दिख्षा दीजी हमको चेला बनाएंगे तो आपने ये ही सर्थ किया तो देखो जी ये चार सीज पहले तुमको छोड़ने पड़े हैं
जद इसमें तुम राजी है ताम तुमको छेला तो साब छोड़ दिया अभी एक नहीं हजारों सब छोड़ दिया क्या आप लोग नहीं छोड़ सकते ही क्या
जो लोग जीवन का पहले से ये सब चीज सिखाया जाता है
वो भगवान का नाम से फिर सब छोड़ दिया परम भर्ष्णव हो गया
ये लोग बीरी भी फूकते नहीं, सिगरी भी नहीं चाते हैं, चाबी नहीं पीते हैं
आप जानते हैं, अभी ये प्रसिशन आते-ाते, ये बच्ची जो है, इसको कोई कॉफी दिया, प्रकी वो बोला नहीं है, हम कॉफी नहीं पीते हैं
ये बच्चे भी हैं, तो उसका माँ-बाब भी नहीं है, तो ये भगवान को प्राप्त करने के लिए जरूर आपको पाप से विवर्जीत होने पड़ेगा
क्योंकि भगवान फूक कहते हैं
जीशाम अन्तगतं पापं जनानां पुन्ण कर्माणां ती दन्द महा निल्मुक्त भजन्ति मान दिरब्रता
जो धिरता किशई, जो भजन करने वाले हैं, वो साधान व्यक्ति नहीं है, वो पापी नहीं कर सकेंगे
केबल पुन्ण वानी कर सकेंगे
तो भगबान जो है, पवित्रम परमम, परम पवित्र है, तो भगबान का पास अपवित्र पापी कोई नहीं पहुंच सकेंगे
इसलिए जीवन अपना पवित्र करना चाहता है, तो जीवन पवित्र करने के लिए, ये जो चार थंबे हैं, पाप जीवन के लिए
अवैद स्री संग, अपना स्री विभाई, मनिष्य समान में विभाव है, प्रशु समान में विभाव नहीं है. क्यों? क्यों? मनिष्य को पाप से वर्जित करने की.
तो इसलिए अवैद स्रीशां अपना विभाईत स्री छोड़ करके कोई स्री से संपर्क नहीं रखना
यह हमारा चानक पंडित नीती बाक्त से बताया
साधारन नीती, समाज की नीती
मात्रिवत परदारेशु, परदर्वेशु लोष्टवा, आत्मवत सर्वभूतेशु, जापश्चतीशा पंडित
पंडित को क्या, कुछ को कहा जाता है
M.A.B.A पास करने से पंडित नहीं होता
उसको पैचान होता
क्या चीज़, जो अपना स्री छोड़ करके
जितने स्रीय हैं, अपना माता है
समझ जाओ, जो समझने वाला है
ये नहीं, हमारा भी स्री जाया, दूसरे स्री को भी फ़शा लोग
ये सब पाप करने से भगवान कभी नहीं करता
इसलिए करते हैं
महापापी जो होते हैं, वो भगवान से संपर्क नहीं कुछ होता
इसलिए वो पाप करते करते करते ही इतना महापापी हो जाते हैं
यह आगे जाके कहते, भगवान कुछ है
अरे भगवान है, तुम्हारा संपर्क है
भगवान है, भगवान नहीं है
पिये सब विचार, तो यह देखिये, यह लोग को समझाया गया, यह लोग को समझ दिया, और जिप्र का जीवन अपतिवाहित कर रहा है, और देखिये कितना सुपिया है, और एक नहीं हजार, यह आंदलन यूरोप अमेरिका में खुबा चीता रहे से चल रहा है,
हम लोग का केंद्र समस्चकाम, माइना में एक दो खुला है, तो आप लोग देखिये, इसलिए इन लोग को लिया है, तो आप लोग देखिये, आप लोग शीखिये, आपका तो शावाबिक तरसे भगवार से प्रेम है,
क्योंकि जिसका भारत वर्ष में जिसका जन्मोहा है
वो तो पुर्ण से होता है
क्यों आप लोग पुर्ण को खो बैशते हैं
भगवत भजन कीजिए
और उसका सरल उपाय है
कि यही हरे कृष्ण हरे कृष्ण
हरे राम हरे राम राम राम हरे
धन्यवाब
धन्यवाब
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥