श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 9: मुक्ति  »  अध्याय 8: भगवान् कपिलदेव से सगर-पुत्रों की भेंट  »  श्लोक 14
 
 
श्लोक  9.8.14 
 
 
योऽसमञ्जस इत्युक्त: स केशिन्या नृपात्मज: ।
तस्य पुत्रोशुमान् नाम पितामहहिते रत: ॥ १४ ॥
 
अनुवाद
 
  महाराज सगर के पुत्रों में से एक असमंजस था, जिसका जन्म राजा की दूसरी पत्नी केशिनी के गर्भ से हुआ था। असमंजस का पुत्र अंशुमान था और वह सदैव अपने बाबा सगर महाराज के कल्याण-कार्य में लगा रहता था।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.