श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 9: मुक्ति  »  अध्याय 3: सुकन्या तथा च्यवन मुनि का विवाह  »  श्लोक 36
 
 
श्लोक  9.3.36 
 
 
सुतां दत्त्वानवद्याङ्गीं बलाय बलशालिने ।
बदर्याख्यं गतो राजा तप्तुं नारायणाश्रमम् ॥ ३६ ॥
 
अनुवाद
 
  तत्पश्चात् राजा ने अपनी परम सुन्दरी पुत्री का विवाह परम शक्तिशाली बलदेव से कर दिया और सांसारिक जीवन से वैराग्य प्राप्त कर वह नर-नारायण की सेवा करने के लिए बदरिकाश्रम चला गया।
 
 
इस प्रकार श्रीमद् भागवतम के स्कन्ध नौ के अंतर्गत तीसरा अध्याय समाप्त होता है ।
 
 
 
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