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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 9: मुक्ति
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अध्याय 23: ययाति के पुत्रों की वंशावली
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श्लोक 34
श्लोक
9.23.34
तत्सुतो रुचकस्तस्य पञ्चासन्नात्मजा: शृणु ।
पूरुजिद्रुक्मरुक्मेषुपृथुज्यामघसंज्ञिता: ॥ ३४ ॥
अनुवाद
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उशना के पुत्र रुचक थे, जिनके पाँच पुत्र थे—पुरुजित, रुक्म, रुक्मेषु, पृथु और ज्यामघ। मैं इनके बारे में आपको बताऊंगा।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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