वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भागवतम
»
स्कन्ध 9: मुक्ति
»
अध्याय 23: ययाति के पुत्रों की वंशावली
»
श्लोक 28
श्लोक
9.23.28
जयध्वजात् तालजङ्घस्तस्य पुत्रशतं त्वभूत् ।
क्षत्रं यत् तालजङ्घाख्यमौर्वतेजोपसंहृतम् ॥ २८ ॥
अनुवाद
play_arrowpause
तालजंघ नाम के जयध्वज के एक पुत्र थे, जिनके एक सौ पुत्र थे। तालजंघ नामक उस वंश के सभी क्षत्रियों का नाश महाराज सगर ने किया, जिन्हें और्व ऋषि ने महान शक्ति दी थी।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.