श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 9: मुक्ति  »  अध्याय 23: ययाति के पुत्रों की वंशावली  »  श्लोक 28
 
 
श्लोक  9.23.28 
 
 
जयध्वजात् तालजङ्घस्तस्य पुत्रशतं त्वभूत् ।
क्षत्रं यत् तालजङ्घाख्यमौर्वतेजोपसंहृतम् ॥ २८ ॥
 
अनुवाद
 
  तालजंघ नाम के जयध्वज के एक पुत्र थे, जिनके एक सौ पुत्र थे। तालजंघ नामक उस वंश के सभी क्षत्रियों का नाश महाराज सगर ने किया, जिन्हें और्व ऋषि ने महान शक्ति दी थी।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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