श्रीमद् भागवतम » स्कन्ध 9: मुक्ति » अध्याय 22: अजमीढ के वंशज » श्लोक 43 |
|
| | श्लोक 9.22.43  | |  | | तिमेर्बृहद्रथस्तस्माच्छतानीक: सुदासज: ।
शतानीकाद् दुर्दमनस्तस्यापत्यं महीनर: ॥ ४३ ॥ | | अनुवाद | | तिमि से बृहद्रथ होंगे, बृहद्रथ से सुदास होंगे, सुदास से शतानीक होंगे, शतानीक से दुर्दमन होंगे और दुर्दमन के पुत्र महीनर होंगे। | |
| |
|
|