श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 9: मुक्ति  »  अध्याय 22: अजमीढ के वंशज  »  श्लोक 25
 
 
श्लोक  9.22.25 
 
 
क्षेत्रेऽप्रजस्य वै भ्रातुर्मात्रोक्तो बादरायण: ।
धृतराष्ट्रं च पाण्डुं च विदुरं चाप्यजीजनत् ॥ २५ ॥
 
अनुवाद
 
  बादरायण, जिन्हें श्री व्यासदेव के नाम से जाना जाता है, ने अपनी माँ सत्यवती के निर्देशों का पालन करते हुए, तीन पुत्रों को जन्म दिया। दो पुत्र उनके भाई विचित्रवीर्य की पत्नियों अंबिका और अंबालिका के गर्भ से हुए, और तीसरे पुत्र का जन्म विचित्रवीर्य की दासी के गर्भ से हुआ। इन तीनों पुत्रों के नाम धृतराष्ट्र, पाण्डु और विदुर थे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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