श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 9: मुक्ति  »  अध्याय 21: भरत का वंश  »  श्लोक 30
 
 
श्लोक  9.21.30 
 
 
ततो बहुरथो नाम पुरुमीढोऽप्रजोऽभवत् ।
नलिन्यामजमीढस्य नील: शान्तिस्तु तत्सुत: ॥ ३० ॥
 
अनुवाद
 
  रिपुञ्जय से बहुरथ नाम का पुत्र हुआ। पुरुमीढ़ संतानहीन था। अजमीढ़ को अपनी पत्नी नलिनी से नील नामक पुत्र की प्राप्ति हुई और नील का पुत्र शांति था।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.