श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 9: मुक्ति  »  अध्याय 21: भरत का वंश  »  श्लोक 25
 
 
श्लोक  9.21.25 
 
 
स कृत्व्यां शुककन्यायां ब्रह्मदत्तमजीजनत् ।
योगी स गवि भार्यायां विष्वक्सेनमधात् सुतम् ॥ २५ ॥
 
अनुवाद
 
  शुक की पुत्री कृत्वी, राजा नीप की पत्नी थी। कृत्वी के गर्भ से नीप को ब्रह्मदत्त नाम का पुत्र हुआ। ब्रह्मदत्त एक महान योगी थे। उनकी पत्नी सरस्वती के गर्भ से विष्वक्सेन नाम का पुत्र हुआ।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.