मूढे भर द्वाजमिमं भर द्वाजं बृहस्पते ।
यातौ यदुक्त्वा पितरौ भरद्वाजस्ततस्त्वयम् ॥ ३८ ॥
अनुवाद
बृहस्पति ने ममता से कहा, "अरी मूर्ख! यद्यपि यह बालक किसी अन्य पुरुष की पत्नी और किसी दूसरे पुरुष के वीर्य से उत्पन्न हुआ है, किन्तु तुम इसका पालन करो"। यह सुनकर ममता ने उत्तर दिया, "अरे बृहस्पति, तुम इसको पालो"। ऐसा कहकर बृहस्पति तथा ममता उसे छोड़कर चले गये। इस तरह बालक का नाम भरद्वाज पड़ा।