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श्रीमद् भागवतम
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श्लोक 37
श्लोक
9.20.37
तं त्यक्तुकामां ममतां भर्तुस्त्यागविशङ्किताम् ।
नामनिर्वाचनं तस्य श्लोकमेनं सुरा जगु: ॥ ३७ ॥
अनुवाद
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अपने पति द्वारा अवैध पुत्र को जन्म देने पर छोड़े जाने के भय से ममता ने बच्चे को छोड़ने पर विचार किया। परन्तु तभी देवताओं ने उस बच्चे का एक नामकरण कर सारी समस्या सुलझा दी।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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