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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 9: मुक्ति
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अध्याय 20: पूरु का वंश
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श्लोक 30
श्लोक
9.20.30
किरातहूणान् यवनान् पौण्ड्रान् कङ्कान् खशाञ्छकान् ।
अब्रह्मण्यनृपांश्चाहन् म्लेच्छान् दिग्विजयेऽखिलान् ॥ ३० ॥
अनुवाद
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जब भरत महाराज यात्रा पर निकले तो उन्होंने उन सभी किरात, हूण, यवन, पौंड्र, कंक, खस, शक और ब्राह्मण संस्कृति के वैदिक सिद्धांतों के विरोधी राजाओं को परास्त या मार डाला।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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