श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 9: मुक्ति  »  अध्याय 2: मनु के पुत्रों की वंशावलियाँ  »  श्लोक 23-24
 
 
श्लोक  9.2.23-24 
 
 
नाभागो दिष्टपुत्रोऽन्य: कर्मणा वैश्यतां गत: ।
भलन्दन: सुतस्तस्य वत्सप्रीतिर्भलन्दनात् ॥ २३ ॥
वत्सप्रीते: सुत: प्रांशुस्तत्सुतं प्रमतिं विदु: ।
खनित्र: प्रमतेस्तस्माच्चाक्षुषोऽथ विविंशति: ॥ २४ ॥
 
अनुवाद
 
  दिष्ट के पुत्र का नाम नाभाग था। यह नाभाग, जो आगे वर्णित नाभाग से अलग था, व्यवसाय से वैश्य बन गया। नाभाग का पुत्र भलन्दन था, भलन्दन का पुत्र वत्सप्रीति था और उसका पुत्र प्रांशु था। प्रांशु का पुत्र प्रमति था, प्रमति का पुत्र खनित्र था और खनित्र का पुत्र चाक्षुष था जिसका पुत्र विविंशति था।
 
 
 
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