श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 9: मुक्ति  »  अध्याय 19: राजा ययाति को मुक्ति-लाभ  »  श्लोक 22
 
 
श्लोक  9.19.22 
 
 
दिशि दक्षिणपूर्वस्यां द्रुह्युं दक्षिणतो यदुम् ।
प्रतीच्यां तुर्वसुं चक्र उदीच्यामनुमीश्वरम् ॥ २२ ॥
 
अनुवाद
 
  राजा ययाति ने अपने राज्य को चार भागों में विभाजित किया। उन्होंने अपने पुत्र द्रुह्यु को दक्षिण-पूर्व दिशा, अपने पुत्र यदु को दक्षिण दिशा, अपने पुत्र तुर्वसु को पश्चिम दिशा और अपने चौथे पुत्र अनु को उत्तरी दिशा दे दी। इस तरह उन्होंने अपने राज्य का बँटवारा कर दिया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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