पुत्रं कृत्वा शुन:शेफं देवरातं च भार्गवम् ।
आजीगर्तं सुतानाह ज्येष्ठ एष प्रकल्प्यताम् ॥ ३० ॥
अनुवाद
विश्वामित्र ने अजीगर्त के पुत्र शुन:शेफ को जो भृगुवंश में उत्पन्न हुए थे और देवरात के नाम से भी विख्यात थे, अपने पुत्र स्वरूप में स्वीकार कर लिया। विश्वामित्र ने अपने अन्य पुत्रों को आदेश दिया कि वे शुन:शेफ को अपना ज्येष्ठ भाई मानें।