श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 9: मुक्ति  »  अध्याय 16: भगवान् परशुराम द्वारा विश्व के क्षत्रियों का विनाश  »  श्लोक 25
 
 
श्लोक  9.16.25 
 
 
जामदग्‍न्योऽपि भगवान् राम: कमललोचन: ।
आगामिन्यन्तरे राजन् वर्तयिष्यति वै बृहत् ॥ २५ ॥
 
अनुवाद
 
  हे परीक्षित, अगले मन्वंतर में जमदग्नि ऋषि के पुत्र कमलनेत्र भगवान परशुराम वैदिक ज्ञान के महान संस्थापक होंगे। दूसरे शब्दों में, वो सप्तर्षियों में से एक होंगे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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