श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 9: मुक्ति  »  अध्याय 15: भगवान् का योद्धा अवतार, परशुराम  »  श्लोक 39
 
 
श्लोक  9.15.39 
 
 
वयं हि ब्राह्मणास्तात क्षमयार्हणतां गता: ।
यया लोकगुरुर्देव: पारमेष्ठ्यमगात् पदम् ॥ ३९ ॥
 
अनुवाद
 
  हे पुत्र, हम सब ब्राह्मण हैं और हमारी क्षमाशीलता के गुण के कारण ही हम सब जनसामान्य के लिए पूजनीय बने हुए हैं। इसी गुण के कारण ही इस ब्रह्माण्ड के परम गुरु ब्रह्माजी को उनका पद प्राप्त हुआ है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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