श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 9: मुक्ति  »  अध्याय 15: भगवान् का योद्धा अवतार, परशुराम  »  श्लोक 27
 
 
श्लोक  9.15.27 
 
 
अथ राजनि निर्याते राम आश्रम आगत: ।
श्रुत्वा तत् तस्य दौरात्म्यं चुक्रोधाहिरिवाहत: ॥ २७ ॥
 
अनुवाद
 
  जब कार्तवीर्याजुर् कामधेनु लेकर चला गया तब जमदग्नि का सबसे छोटा पुत्र परशुराम आश्रम में लौटा। जब उसने कार्तवीर्यार्जुन के बुरे काम के बारे में सुना तो वह कुचले हुए साँप की तरह गुस्से से भर गया।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.