श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 9: मुक्ति  »  अध्याय 15: भगवान् का योद्धा अवतार, परशुराम  »  श्लोक 26
 
 
श्लोक  9.15.26 
 
 
हविर्धानीमृषेर्दर्पान्नरान् हर्तुमचोदयत् ।
ते च माहिष्मतीं निन्यु: सवत्सां क्रन्दतीं बलात् ॥ २६ ॥
 
अनुवाद
 
  भौतिक शक्तियों के घमंड में कार्तवीर्यार्जुन ने अपने आदमियों को जमदग्नि की कामधेनु चुराने के लिए कहा। इसलिए, वे लोग रोती-बिलखती कामधेनु और उसके बछड़े को जबरदस्ती ले गए और उसे कार्तवीर्यार्जुन की राजधानी माहिष्मती में ले आए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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