श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 9: मुक्ति  »  अध्याय 13: महाराज निमि की वंशावली  »  श्लोक 27
 
 
श्लोक  9.13.27 
 
 
एते वै मैथिला राजन्नात्मविद्याविशारदा: ।
योगेश्वरप्रसादेन द्वन्द्वैर्मुक्ता गृहेष्वपि ॥ २७ ॥
 
अनुवाद
 
  शुकदेव गोस्वामी जी ने कहा: राजा परीक्षित, मिथिला वंश के सभी राजा अध्यात्म ज्ञान में निपुण थे। इसलिए, घर में रहने के बावजूद भी वे संसार के द्वंद्वों से मुक्त हो गए थे।
 
 
इस प्रकार श्रीमद् भागवतम के स्कन्ध नौ के अंतर्गत तेरहवाँ अध्याय समाप्त होता है ।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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