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अध्याय 13: महाराज निमि की वंशावली
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श्लोक 26
श्लोक
9.13.26
शुनकस्तत्सुतो जज्ञे वीतहव्यो धृतिस्तत: ।
बहुलाश्वो धृतेस्तस्य कृतिरस्य महावशी ॥ २६ ॥
अनुवाद
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ऋत के पुत्र शुनक थे, शुनक के वीतहव्य, वीतहव्य के धृति, धृति के बहुलाश्व, बहुलाश्व के कृति और उनके पुत्र महावशी थे।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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