उसके आकर्षक नाक, गाल और सोने के कुंडल से सजे हुए कान उसके चेहरे को अति सुंदर बना रहे थे। जब वो चलती थी तो उसकी साड़ी का किनारा उसके स्तनों से हट रहा था। जब देवताओं और असुरों ने मोहिनी-मूर्ति के इन खूबसूरत अंगों को देखा तो वो पूरी तरह मोहित हो गए क्योंकि वह उन पर तिरछी नजर से देख रही थी और हल्की-हल्की मुस्कुरा रही थी।