मन्दर पर्वत की चोटी पर भगवान् ने हजारों भुजाओं के साथ अपने आपको प्रकट किया। वे विशाल पर्वत की तरह दिख रहे थे और एक हाथ से मन्दर पर्वत को थामे हुए थे। तब ऊपरी लोकों में भगवान् ब्रह्मा, भगवान् शिव, स्वर्ग के राजा इन्द्र और अन्य देवताओं ने भगवान् की स्तुति की और उन पर फूलों की वर्षा की।