वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भागवतम
»
स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन
»
अध्याय 6: देवताओं तथा असुरों द्वारा सन्धि की घोषणा
»
श्लोक 38
श्लोक
8.6.38
गिरिं चारोप्य गरुडे हस्तेनैकेन लीलया ।
आरुह्य प्रययावब्धिं सुरासुरगणैर्वृत: ॥ ३८ ॥
अनुवाद
play_arrowpause
फिर भगवान ने बहुत ही आसानी से एक हाथ से पर्वत को उठाकर गरुड़ की पीठ पर रख दिया। फिर वो खुद गरुड़ पर सवार हुए और देवताओं तथा असुरों से घिरे हुए क्षीरसागर चले गए।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.