श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन  »  अध्याय 5: देवताओं द्वारा भगवान् से सुरक्षा याचना  »  श्लोक 3
 
 
श्लोक  8.5.3 
 
 
विभुरिन्द्र: सुरगणा राजन्भूतरयादय: ।
हिरण्यरोमा वेदशिरा ऊर्ध्वबाह्वादयो द्विजा: ॥ ३ ॥
 
अनुवाद
 
  हे राजा! रैवत मनु के युग में स्वर्ग के स्वामी को विभु कहा जाता था, देवताओं में भूतरय आदि थे और सात ब्राह्मण हिरण्यरोमा, वेदशिरा और ऊर्ध्वबाहु आदि सात लोकों के अधिपति थे।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.