श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन  »  अध्याय 5: देवताओं द्वारा भगवान् से सुरक्षा याचना  »  श्लोक 21
 
 
श्लोक  8.5.21 
 
 
अहं भवो यूयमथोऽसुरादयो
मनुष्यतिर्यग्द्रुमघर्मजातय: ।
यस्यावतारांशकलाविसर्जिता
व्रजाम सर्वे शरणं तमव्ययम् ॥ २१ ॥
 
अनुवाद
 
  ब्रह्मा जी बोले: मैं, शिव जी, तुम समस्त देवता, दानव, पसीने से जन्मे प्राणी, अंडों से जन्मे जीव, पृथ्वी से उगने वाले पेड़-पौधे, और भ्रूण से उत्पन्न सभी जीव - सभी भगवान से, उनके रजोगुण अवतार (ब्रह्मा, गुणअवतार) से और ऋषियों से, जो मेरे ही अंश हैं, उत्पन्न हुए हैं। अतः, हम सभी को उस भगवान के पास जाना चाहिए और उनके चरणकमलों का आश्रय लेना चाहिए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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