श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन  »  अध्याय 4: गजेन्द्र का वैकुण्ठ गमन  »  श्लोक 7
 
 
श्लोक  8.4.7 
 
 
स वै पूर्वमभूद् राजा पाण्ड्यो द्रविडसत्तम: ।
इन्द्रद्युम्न इति ख्यातो विष्णुव्रतपरायण: ॥ ७ ॥
 
अनुवाद
 
  यह गजेन्द्र पूर्वजन्म में वैष्णव था और द्रविड़ (दक्षिण भारत) प्रांत में पाण्ड्य नामक देश का राजा था। अपने पिछले जन्म में, वह इन्द्रद्युम्न महाराज के रूप में जाने जाते थे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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