श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन  »  अध्याय 24: भगवान् का मत्स्यावतार  »  श्लोक 9
 
 
श्लोक  8.24.9 
 
 
ज्ञात्वा तद् दानवेन्द्रस्य हयग्रीवस्य चेष्टितम् ।
दधार शफरीरूपं भगवान् हरिरीश्वर: ॥ ९ ॥
 
अनुवाद
 
  ऐसा जानकर कि इस कार्य को महान राक्षस हयग्रीव ने अंजाम दिया है, सर्व ऐश्वर्य सम्पन्न भगवान हरि ने मछली का रूप लिया और उस राक्षस को मारकर वेदों की रक्षा की।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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