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अध्याय 24: भगवान् का मत्स्यावतार
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श्लोक 41
श्लोक
8.24.41
तत: समुद्र उद्वेल: सर्वत: प्लावयन् महीम् ।
वर्धमानो महामेघैर्वर्षद्भि: समदृश्यत ॥ ४१ ॥
अनुवाद
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तदुपरांत विशाल बादलों ने बिना रुके पानी बरसाया जिससे समुद्र का जलस्तर बहुत बढ़ गया। इस बढ़े हुए समुद्र ने स्थल पर बहना शुरू कर दिया और पूरी दुनिया में पानी भर गया।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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