श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन  »  अध्याय 24: भगवान् का मत्स्यावतार  »  श्लोक 39
 
 
श्लोक  8.24.39 
 
 
इत्थमादिश्य राजानं हरिरन्तरधीयत ।
सोऽन्ववैक्षत तं कालं यं हृषीकेश आदिशत् ॥ ३९ ॥
 
अनुवाद
 
  इस प्रकार राजा को आदेश देकर भगवान् विष्णु तत्काल अदृश्य हो गये। तदनंतर राजा सत्यव्रत उस समय की प्रतीक्षा करने लगे, जिसका निर्देश भगवान् ने उन्हें दिया था।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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