मदीयं महिमानं च परं ब्रह्मेति शब्दितम् ।
वेत्स्यस्यनुगृहीतं मे सम्प्रश्नैर्विवृतं हृदि ॥ ३८ ॥
अनुवाद
मैं तुम्हें उचित सलाह दूँगा और तुम्हारा पक्ष भी लूँगा। मेरे परब्रह्म की महिमाओं के बारे में तुम्हारी जिज्ञासाओं के कारण तुम्हारे हृदय में हर बात प्रकट हो जाएगी। इस प्रकार तुम मेरे बारे में सब कुछ जान जाओगे।