श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन  »  अध्याय 24: भगवान् का मत्स्यावतार  »  श्लोक 32
 
 
श्लोक  8.24.32 
 
 
श्रीभगवानुवाच
सप्तमे ह्यद्यतनादूर्ध्वमहन्येतदरिंदम ।
निमङ्‌क्ष्यत्यप्ययाम्भोधौ त्रैलोक्यं भूर्भुवादिकम् ॥ ३२ ॥
 
अनुवाद
 
  भगवान ने कहा: हे शत्रुओं को दमन करने वाले राजा! आज से सातवें दिन भूलोक, भुव लोक और स्वर्गलोक - ये तीनों लोक बाढ़ के पानी में डूब जाएँगे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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